Namaste Bharat AJ

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नई शिक्षा नीति 2020 New Education Policy 2020 Namaste Bharat AJ (नमस्ते भारत एजे)

नई शिक्षा नीति 2020  
New Education Policy 2020 
Namaste Bharat AJ (नमस्ते भारत एजे)

 

New policy of education namaste bharat aj

·        नई शिक्षा नीति 2020

·      Nayi shiksha neeti 2020

·      New education policy 2020

·      राष्ट्रीय शिक्षा नीति का इतिहास

·      History Of National Policy Of Education

·      Ucch shiksha sudhar sammelan

·      उच्च शिक्षा सुधार सम्मेलन 

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आप सभी का स्वागत है Namaste Bharat AJ (नमस्ते भारत एजे) पर।

भारत सरकार अब हमारे शिक्षा विभाग के लिए भी एक बड़ा फैसला लेने जा रही है। जिसकी हमें बरसों से बहुत अधिक आवश्यकता थी। भारत सरकार नई शिक्षा नीति (New Education Policy) लागू करने जा रही है। हमें इसका स्वागत करना चाहिए क्योंकि इसमें बड़े बदलाव किए गए है जो विद्यार्थियों के भविष्य को उज्जवल बनाने में मददगार होंगे। इस शिक्षा नीति की विशेषताओं पर आज हम नजर डालेंगे। और जानेंगे की ये हमारे देश के लिए क्यों आवश्यक है।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति का इतिहास (History of National Policy Of Education)

     हमारे देश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति NPE (National Policy of Education) 1968 में लागू की गई। इस शिक्षा नीति का उद्देश्य देश में साक्षरता को बढ़ाना तथा देश के नागरिकों में जागरूकता फैलाना था।

     उसके बाद 1986 में नई शिक्षा नीति लाई गई। 1986 में बालिकाओं की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए अधिक ध्यान दिया गया। इस नीति को 12 खंडो में वर्गीकृत किया गया है तथा इसमें कुल 157 बिंदु है। उसके बाद 1992 में इसमें संशोधन किया गया। अब फिर से 2020 में नई शिक्षा लागू की जा रही है।

 

नई शिक्षा नीति 2020 (New Education Policy 2020)

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अब हम समझते है कि नई शिक्षा नीति 2020 में क्या बदलाव किए गए है और यह नई क्यों कही जा रही है। इस नीति को बनाने के लिए अभी तक के शिक्षा विभाग में सबसे बढ़ी कमिटी बनाई गई। इस शिक्षा नीति को बनाने के लिए गांव की पंचायत से लेकर केंद्र के शिक्षा विभाग में शामिल अफसरों की सलाह का उपयोग किया गया है। इस नीति में विद्यार्थियों को प्रैक्टिकल ज्ञान देने पर जोर दिया गया है।

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10+2 से 5+3+3+4 क्या है?

यह इस नई शिक्षा नीति का सबसे जटिल भाग माना जा रहा है। हम इसे आसान भाषा में समझेंगे। मुझे भी यह भाग मेरे सहायक एवं मित्र मोहन जी द्वारा समझाया गया है।

10+2

पहले की शिक्षा नीति में हम कक्षा 1 से 10 तक एक ही तरह से पड़ते थे बस इसका स्तर कक्षा दर कक्षा थोड़ा कठिन होता जाता था। 10वी कक्षा के बाद एक दम से ये बदल जाता था क्योंकी यहां हमें हमारी इच्छानुसार विषय चुनना होता था। जैसे गणित, बायो, कॉमर्स, आर्ट्स इत्यादि। इसके बाद हमें ग्रेजुएशन करने की अनुमति थी। 10+2 का यही अर्थ है पहले भाग में 10 वर्ष तथा दूसरे भाग में 2 वर्ष।

5+3+3+4

अब हम समझते है 5+3+3+4 को। इसे समझने के लिए हम इन्हे चरणों में पढ़ेंगे।

5+3+3+4 (नींव चरण + प्रारंभिक चरण + मध्य चरण + सेकंडरी चरण)

नींव चरण

     इसमें 5 का अर्थ है बच्चे के विद्यालय में शुरू के 5 साल। इन 5 सालो को 2 भागों में बांटा गया। पहले भाग में 3 सालो तक बच्चों कोई पढ़ाई नहीं कराई जाएगी। बच्चो को केवल खेलकूद कराई जाएगी। उनके मस्तिष्क को अपने तरीके से विकसित होने का मौका दिया जाएगा। तथा इनके शिक्षकों को भी इसी तरीके से प्रशिक्षित किया जाएगा की वे उन्हें इसी तरह विकसित होने में सहायता करें। अब आता है इसका दूसरा भाग इस भाग में बच्चों को पढ़ाया जाएगा अब बच्चा पहली कक्षा में प्रवेश करेगा। और बिना परीक्षा के दूसरी कक्षा में पंहुचा दिया जाएगा तथा दूसरी कक्षा से तीसरी कक्षा में भी बिना परीक्षा के पहुंच जाएगा। अर्थात इस भाग में बच्चो को पढ़ाई तो करवाई जाएगी परन्तु उन पर परीक्षा का भोज नहीं डाला जाएगा। इस भाग में बच्चों पर किसी भी प्रकार का कोई दबाव नहीं होगा।


प्रारंभिक चरण

     अब आते है अगले 3 वर्षों पर जहां बच्चा बिना परीक्षा के पहुंच चुका है। इस भाग में कक्षा 3, कक्षा 4, तथा कक्षा 5 होगी। इस भाग में बच्चों को पढ़ाई के साथ में मानसिक तथा शारीरिक क्रियाएं भी कराई जाएगी। इस भाग की खास बात ये है कि इसमें बच्चो को उनकी क्षेत्रीय भाषा में शिक्षा दी जाएगी जैसे मराठी, गुजराती, तमिल आदि। लेकिन यह विद्यालयों के लिए अनिवार्य नहीं होगा। इस भाग में बच्चों से परीक्षा लेना आरंभ हो जाएगा। मतलब कक्षा 3 से बच्चो को परीक्षा देनी होगी।

मध्य चरण

     अब आते है अगले तीन वर्षों पर जिसमें कक्षा 6, कक्षा 7 तथा कक्षा 8 सम्मिलित की गई है। इस भाग में बच्चों को कंप्यूटर नॉलेज दी जाएगी जिसमें वेब डेवलपिंग तथा कोडिंग सिखाई जाएगी तथा कोई बच्चा अगर प्रैक्टिकल कार्य सीखना चाहता है तो वह उन्हें अपने विद्यालय में ही सीख सकेगा जैसे कारपेंटर का कार्य, पौधों के बारे में जानकारी लेना, सिलाई करना, खाना बनाना इत्यादि। इन सबके अलावा इसमें पहले जैसे ही गणित, विज्ञान तथा सामाजिक विज्ञान का ज्ञान दिया जाएगा। इसमें एक नई बात यह है कि इस भाग में आपको भारत की एक भाषा चुननी होगी जैसे संस्कृति, उर्दू या कोई और।

सेकंडरी चरण

    अब बात करते है चौथे भाग की जिसमे कक्षा 9, कक्षा 10, कक्षा 11 तथा कक्षा 12 सम्मिलित की गई है। इस भाग में परीक्षा को सेमेस्टर के रूप में लिया जाएगा जहां पहले हर साल परीक्षा होती थी वहां अब परीक्षा साल में दो बार होगी हर 6 महीने में। पहले हमें 11वी में एक विषय चुनना होता था और उसी में पढ़ाई करनी होती थी परन्तु अब विद्यार्थी एक विषय पर निर्भर नहीं रहेंगे विद्यार्थी गणित के साथ बायो ले सकेंगे साथ ही कॉमर्स भी ले सकेंगे यदि उसे भूगोल में दिलचस्पी है तो वह इसे भी अपने कोर्स में शामिल कर सकेगा। इस भाग में विद्यार्थी किसी भी विदेशी भाषा को चुन सकेगा तथा उसे अपने कोर्स में शामिल कर सकेगा। जैसे फ्रेंच, जर्मन, जैपनीज इत्यादि। इसमें चीनी भाषा सम्मिलित नहीं की गई है।

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स्नात्तक (Graduation)

यह 4 साल की होगी। ग्रेजुएशन में B.A. B.SC. B.COM. समाप्त हो जाएगा क्योंंकि विद्यार्थी अपने मन मुताबिक अलग-अलग प्रकार के विषय ले सकेगा। इसमें प्रथम वर्ष उत्तीर्ण करने पर उसे एक प्रमाण पत्र (Certificate) प्राप्त होगा। द्वितीय वर्ष उत्तीर्ण करने पर डिप्लोमा प्राप्त होगा। तृतीय वर्ष पास करने पर उसे ग्रेजुएशन डिग्री प्राप्त होगी। तथा चतुर्थ वर्ष प्राप्त करने पर उसे ग्रेजुएशन रिसर्च प्राप्त होगा। मतलब आपको हर वर्ष में कुछ ना कुछ प्राप्त होगा जिसे आप पढ़ाई छोड़कर कभी भी पढ़ाई कंटिन्यू कर सकेंगे या 2 वर्ष की पढ़ाई करने के बाद डिप्लोमा लेकर नौकरी भी पा सकेंगे जिस नौकरी में डिप्लोमा मांगा जा रहा हो।

 

New education policy 2020 namaste bharat ajस्नातकोत्तर (Post Graduation)   

 यह एक साल तथा दो साल की होगी जिस विद्यार्थी के पास ग्रेजुएशन रिसर्च होगी उसके लिए यह एक साल होगी तथा जिस विद्यार्थी के पास केवल ग्रेजुएशन डिग्री होगी उसके लिए यह 2 साल की होगी। इसमें भी M.A. M.SC. M.COM समाप्त हो जाएंगे।


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