जय श्री राम
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आखिरकार अब अयोध्या में राम मंदिर बनने जा रहा
है। भगवान श्री राम का भव्य मंदिर अयोध्या में बनने का कार्य तो सालो से जारी है
परन्तु सर्वोच्च न्यायालय में चल रहे इस विवाद की समाप्ति के पश्चात तथा सर्वोच्च
न्यायालय द्वारा राम मंदिर बनवाने के फैसले के पश्चात यह पक्का हो गया था कि अब
अयोध्या में बिना किसी रुकावट के राम मंदिर का निर्माण शुरू हो जाएगा। हमारे
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी वहां उपस्थित होंगे। राम मंदिर के लिए अयोध्या
में पूजा अर्चना शुरू हो गई है आज (मंगलवार) रामार्चा पूजन शुरू हो गया है।
अयोध्या में हो रही पूजा में सर्वप्रथम समस्त देवी-देवताओं की पूजा की जाएगी उसके बाद भगवान श्री राम
की सहायता करने वाले सुग्रीव, नल नील तथा जामवंत
की पूजा की जाएगी इनके बाद महाराज दशरथ उनकी पत्नियों, श्री
राम के तीनों भाइयों, उनकी पत्नियों तथा रामभक्त
हनुमान जी की पूजा की जाएगी इनके बाद भगवान श्री राम की पूजा की जाएगी।
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प्रधानमंत्री
श्री नरेन्द्र मोदी 5 अगस्त को सुबह साढ़े 9 बजे दिल्ली से लखनऊ के लिए प्रस्थान
करेंगे उसके बाद वे लखनऊ से 10 बजकर 40 मिनिट पर अयोध्या के लिए प्रस्थान करेंगे। साढ़े
11 बजे वे अयोध्या पहुंचकर साढ़े 12 बजे भूमि पूजन में शामिल होंगे। राम मंदिर के
भूमि पूजन कार्यक्रम में नृत्य गोपालदास महाराज, RSS प्रमुख मोहन भागवत, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी तथा उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल शामिल
होगी।
इनके
अलावा 200 मेहमानों को न्योता भेजा जाने की बात कही गई है।
हम सभी जानते है कि भगवान श्री राम का जन्म
अयोध्या में हुआ था जहां आज राम मंदिर बनने जा रहा है। परन्तु बाहरी आक्रांताओं
द्वारा मंदिर को तोड़ा गया उसके बाद मंदिर को फिर से बनवाने के कई प्रयास किए गए
कई आंदोलन हुए परन्तु अग्रेजों की फुट डालो राज करो की नीति के कारण उन्होंने कभी
मंदिर के मसले को सुलझाना आवश्यक नहीं समझा। अंग्रेजों के बाद भारत की स्वतंत्रता
के पश्चात राम मंदिर का मसला न्यायालय में पंहुचा। जो अब पूर्ण हुआ है
स्वतंत्रता के बाद अतीत
के राजनेताओं के द्वारा भी राम मंदिर पर अधिक ध्यान नहीं दिया गया। वर्तमान सरकार
द्वारा इसी कारण उन पर तुष्टिकरण के आरोप लगाती रही है।
· भगवान श्री राम के पश्चात अयोध्या का समय अच्छा
नहीं था परन्तु भगवान श्री राम के पुत्र कुश ने फिर से अयोध्या का निर्माण कराया
इसके बाद सूर्यवंश की अगली 44 पीढ़ियों ने यहां राज किया। जो महाराजा बृहद्बल तक रहा।
परन्तु महाभारत के युद्ध में अभिमन्यु द्वारा कौशलराज बृहद्बल की मृत्यु कर दी गई
उसके बाद अयोध्या उझड़ सी गई। परन्तु श्री राम जन्मभूमि का अस्तित्व वहीं रहा।
·
इसके
पश्चात कुछ समय बाद एक बार उज्जैन के चक्रवर्ती सम्राट विक्रमादित्य आखेट खेलते हुए अयोध्या पंहुच
गए जब उन्हें पता चला कि ये श्री राम जन्मभूमि अयोध्या है तो उन्होंने वहां मौजूद
संतो के निर्देश से यहां एक भव्य राम मंदिर का निर्माण करवाया। सम्राट विक्रमादित्य
द्वारा अयोध्या को फिर से बसाया गया वहां उन्होंने मंदिर के साथ-साथ कई महलों, सरोवरों का निर्माण करवाया। इनके बाद आने वाले
सभी राजाओं द्वारा अयोध्या की देखरेख भलीभांति रूप से कि गई।
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· इतिहासकारों द्वारा बताया गया है कि 600 ईसा
पूर्व अयोध्या व्यापार का एक केंद्र था। 5वी शताब्दी में यह बौद्ध धर्म के कई भिक्षु
निवास करते थे चीनी भिक्षुओं द्वारा भी यहां आगमन हुआ उनके लेख से पता चलता है कि
यहां उस समय एक भव्य हिन्दू मंदिर था।
· इसके बाद भारत में बाहरी आक्रांताओं का आना हुआ।
आक्रांताओं द्वारा यहां के मंदिरों के पुजारियों की हत्या करना प्रारंभ कर दिया
गया तथा कई मूर्तियां तोड़ी गई। परन्तु 14वी शताब्दी तक मंदिर बचा रहा।
· 14 वी शताब्दी के बाद राम मंदिर को नुकसान पहुंचाने
कि कोशिश की गई और अंत में 1528 में बाबर के सेनापति मीर बाकी (बाक़ी ताशकंदी) ने मंदिर
को तुड़वाकर एक ढांचे का निर्माण करवाया और उसे बाबरी मस्ज़िद का नाम दिया।
· 1853 में पहली बार
इस मामले में हिन्दू-मुसलमान विवाद हुआ। और तब से ही इस स्थान के लिए
हिन्दू-मुसलमानों में विवाद होता रहा।
· इसके बाद अंग्रेज़ो ने इन विवादों को देखते हुए
इस स्थान पर मुसलमानो को अंदर की ज़मीन उपलब्ध कराई तथा हिन्दुओं को बाहरी ज़मीन
दी गई जो नमाज़ तथा पूजा के लिए थी।
· 1949 में हिन्दुओं द्वारा श्री राम लला की मूर्ति को
अंदर रखा गया। तनाव को बढ़ता देख उसका हल निकालने की बजाय उस समय की सरकार ने यहां
ताला लगवा दिया।
· 1989 में विश्व हिन्दू परिषद द्वारा विवादित जमीन पर मंदिर
बनाने की मुहिम शुरू की गई।
· 1992, 6 दिसंबर को विवादित ढांचा गिरा दिया गया। इस कारण
उस समय पूरे देश भर में कई दंगे हुए जिनमें हज़ारों लोगो की जाने गई।
· इसके बाद ये विवाद इलाहाबाद उच्च न्यायालय तक
पहुंचा। जहां 2010 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने फैसला सुनाया कि यह श्री
राम जन्मभूमी है। और इसे राम मंदिर के लिए से दिया जाए। तथा इस पीठ में दो
न्यायाधीशों द्वारा ये कहा गया कि चूंकि इस स्थान पर लंबे अरसे से मुसलमान भी नमाज़
अदा कर रहे है इसलिए एक तिहाई जमीन उन्हें भी दी जाए। परन्तु इस फैसले को दोनों
पक्षों ने मानने से इंकार कर दिया। और दोनों हिन्दू मुस्लिम पक्षकारों ने सर्वोच्च
न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।
· 9 नवंबर 2019 को आखिरकार सर्वोच्च न्यायालय ने इस
विवाद को खत्म कर दिया और इस विवादित जमीन पर राम मंदिर बनवाने का फैसला सुनाया।
बुधवार को राम मंदिर के लिए भूमि पूजन किया जाएगा। तथा उसके पश्चात् राम मंदिर का निर्माण चालु हो जाएगा। राम मंदिर को पूर्ण होने में 2 से 3 साल का समय लग सकता है।
आप सभी पाठको से निवेदन है की 5 अगस्त की शाम को अपने घरो में भगवान श्री राम के लिए दीपक प्रजवाल्लित करें। जिस प्रकार अयोध्या में दीवाली के दिन 14 वर्ष के वनवास के पश्चात भगवान् श्री राम के अयोध्या लौटने पर दिए जलाये गए थे उसी प्रकार सेकड़ो सालो के लम्बे इन्तेजार के बाद राम लला के मंदिर के निर्माण की ख़ुशी में हम भी अपने घरों में दिए जलाकर दिवाली मनाये।
हमसे संपर्क करने के लिए Contact Us पर क्लिक करिए।
धन्यवाद
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5 टिप्पणियाँ
Jai SiyaRam Jai Hanuman
जवाब देंहटाएंBehut khubsurat bs aap hume ese hi or jayda knowledge dete the
जवाब देंहटाएंDhanywaad
हटाएंDhanywad hamein ram mandir ke bare mein batane ke liye bahut logo ne sangharsh kiya bahut time tak. Jai Shri Ram
जवाब देंहटाएंDhanywaad
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