Namaste Bharat AJ

Namaste Bharat AJ

कैलाश मंदिर, विश्व का अद्भुत मंदिर

 कैलाश मंदिर से जुड़े तथ्य 
Kailash Mandir in hindi

आपका एक बार फिर स्वागत है नमस्ते भारत ए जे पर । 

हमारे भारत देश में कई ऐसे ऐतिहासिक स्थान है जो विश्व की सबसे अद्भुत रचनाएँ है। इनमें से अधिकतर रचनाएँ तो ऐसी है जिन्हें आज के तकनीकी उपकरणों की सहायता लेकर बनाना भी असंभव है । इनमें से ही एक है महाराष्ट्र के औरंगाबाद में स्थित कैलाश मंदिर । यह मंदिर एलोरा की गुफाओं में स्थित है इसलिए इसे एलोरा का कैलाश मंदिर भी कहा जाता है । यह मंदिर केवल एक बड़ी चट्टान को काटकर बनाया गया है । आज हम इस कैलाश मंदिर के इतिहास, बनावट, निर्माण, बनने में लगे समय के बारे में जानेंगे ।

 
Ellora cave kailash temple

कैलाश मंदिर इतना लोकप्रिय क्यों है, कैलाश मंदिर की विशेषताएँ क्या है, कैलाश मंदिर का रहस्य

कैलाश मंदिर भारत के सबसे अधिक शानदार रचनाओं में से एक है इस मंदिर की खासियत ये है की इसे केवल एक चट्टान को ऊपर की ओर से काटकर बनाया गया है । इसी कारण यह विश्व की सबसे बड़ी मूर्ति मानी जाती है । जो आज के तकनीकी समय में भी असंभव है । विशेषज्ञों द्वारा बताया गया है की इसे बनाने के लिए जिन पत्थरों को चट्टान से हटाया गया था उनका वजन करीब 40,000 टन था । इस चट्टान को अंदर से खोखला कर मंदिर का निर्माण ही नहीं किया गया अपितु इसी चट्टान को काटकर यहाँ कई मूर्तियों का निर्माण किया गया है ।

 यह भी पढे - भारत के महान प्राचीन विश्वविध्यालय 

            राम मंदिर अयोध्या का इतिहास 

                            हिन्दू धर्म | सनातन धर्म क्या है 

कैलाश मंदिर कहाँ स्थित है ?

कैलाश मंदिर महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में स्थित एलोरा की गुफाओं में स्थित है यह मंदिर एलोरा की गुफा नंबर 16 में स्थित है ।

 
kaialsh temple ellora caves

कैलाश मंदिर को किसने और कब बनवाया ? (कैलाश मंदिर का इतिहास)

कैलाश मंदिर को राष्ट्रकूट वंश के नरेश कृष्ण (प्रथम) ने 757 – 783 में निर्मित करवाया था । कैलाश मंदिर को बनने में लगभग 100 से 150 वर्ष का समय लगा था । इस मंदिर को बनाने के लिए 7000 मजदूरों ने दिन रात काम किया था ।

 

कैलाश मंदिर की बनावट

कैलाश मंदिर 276 फुट लंबा तथा 154 फुट चौड़ा है । चट्टान को काट – काट कर इस मंदिर को 90 फुट ऊंचा बनाया गया । इस मंदिर के खुले मंडप में नंदी स्थित है तथा इसके दोनों ओर दो विशालकाय हाथियों को बनाया गया है ।

 यह भी पढे - भारत के महान प्राचीन विश्वविद्यालय 

            राम मंदिर अयोध्या का इतिहास 

                            हिन्दू धर्म | सनातन धर्म क्या है 

कैलाश मंदिर को 1983 में यूनेस्को ने विश्व विरासत स्थल घोषित किया था ।

नमस्ते भारत ए जे पर आने के लिए आपका बहुत धन्यवाद ।    

 

 

 

एक टिप्पणी भेजें

1 टिप्पणियाँ

Close Menu