Namaste Bharat AJ

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Kali Poem In hindi by Preeti Chauhan Namaste Bharat AJ

 

 Kali Poem In hindi by Preeti Chauhan  Namaste Bharat AJ

कली कविता प्रीति चौहान द्वारा लिखित नमस्ते भारत ए जे

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आप पढ़ रहे है Namaste Bharat AJ, Poem in Hindi की सहायक लेखिका “प्रीति चौहान” द्वारा लिखित कविता

Kali (कली) poem in hindi

‘कली’

नाजुक सी कली वों, जो अभी खीली भी न थी।

लड़खड़ाते क़दमों से, पूरे घर में धूम मचाती वो!

 

बोलना तो अभी सीखा भी नहीं था !

कि हमेशा के लिए उसे खामोश करा दिया गया,

उसकी सुन्दर सी दुनिया में आ गया एक मानवीय राक्षस

हैवानियत की हद पार कर उसने कली को कुचल डाला।

 

क्या अपराध था उस कली का ?

जिसके दुनिया देखने से पहले ही आँखें बंद करा दी !

 

अभी कुछ क्षण हुए ही थे की पूरा घर लोगों से भर गया।

अरे ये कैसे हुआ ? किसने किया ? इंसानियत तो रही ही नहीं !

 

तभी एकदम से सन्नाटा छा गया, और एक आवाज आयी

अरे तुम क्यों इतनी हमदर्दी दिखा रहे हो ?

क्योंकि मैं कली थी इसलिए ?

 

यहीं मुझे फूल बनने के बाद कुचला जाता,

तब तो तुम मुझे ही अपराधी कहते ना !

तो आज फिर ये हमदर्दी क्यों ?

क्योंकि मैं कली थी इसलिए ?

कवयित्री प्रीति चौहान  

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