Namaste Bharat AJ

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ELECTRON KITNE SAAL JEETA HAI Namaste Bharat AJ

एक इलेक्ट्रॉन कितने साल जीता है?
How many years does an electron live?

परिचय



हम सभी जानते है कि हमारे आसपास की सभी वस्तु,  गैस,  तरल सब अणुओं से मिलकर बने होते है। अणु परमाणुओं से मिलकर बने होते है और परमाणु में प्रोटॉन,  न्यूट्रॉन, और इलेक्ट्रॉन पाए जाते है। प्रोटॉन तथा न्यूट्रॉन नाभिक में स्थित होते है तथा इलेक्ट्रॉन नाभिक के चक्कर लगाता है। आइए जानते है इलेक्ट्रॉन के बारे में।

इलेक्ट्रॉन क्या है



इलेक्ट्रॉन एक कण है जो परमाणु में पाया जाता है, इलेक्ट्रॉन एक ऋण आवेशित कण होता है जो नाभिक के चारो ओर चक्कर लगाता है। इलेक्ट्रॉन को e-  द्वारा व्यक्त किया है। इसमें माइनस का अर्थ है ऋण आवेशित।

इलेक्ट्रॉन की खोज



इलेक्ट्रॉन की खोज 1897 में ब्रिटेन के वैज्ञानिक जे. जे. थॉमसन ने की थी। जोसेफ जे थॉमसन कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी की केवेंडिश प्रयोगशाला में 1897 में विधुत डिस्चार्ज पर प्रयोग कर रहे थे , उन्होंने देखा जब कम दाब पर गैस पर अधिक वोल्टता आरोपित की गयी तो एक बहुत ही अधिक चमक उत्पन्न हुई।  इस चमक का कारण उन्होंने बताया की कैथोड से कुछ कण आते है जिसके कारण यह चमक उत्पन्न होती है।

इलेक्ट्रॉन का भार व आवेश



इलेक्ट्रॉन का भार लगभग 9.109 × 10^-31 किलोग्राम होता है जो कि प्रोटॉन के 1/1836 के बराबर होता है तथा इसका आवेश 1.6 x 10^-19  होता है।


इलेक्ट्रॉन की आयु


इलेक्ट्रॉन की आयु जानकर मुझे बहुत अधिक आश्चर्य हुआ क्योंंकि इलेक्ट्रॉन बहुत छोटा कण है इसकी आयु भी बहुत छोटी होनी चाहिए थी परन्तु एक इलेक्ट्रॉन लगभग 60,000 योटा वर्ष जीता है। एक योटा वर्ष 10^24 वर्ष होते है। अगर इसे सरल अंको में लिखे तो 60,000 x 1000000000000000000000000 होगा। यह समय हमारे ब्रह्माण्ड के अभी तक की उम्र से 10^18 गुणा है। अर्थात हम कह सकते है कि इलेक्ट्रान अमर है।

इलेक्ट्रॉन से संबंधित अन्य तथ्य

1. इलेक्ट्रॉन एक ऋणात्मक आवेशित कण होता है अर्थात इस पर आवेश रहता है , एक इलेक्ट्रान पर 1.60 x 10-19 कुलाम उपस्थित रहता है तथा एक विराम अवस्था में उपस्थित किसी इलेक्ट्रॉन का भार 9.11 x 10-31 किलोग्राम होता है।

2. इलेक्ट्रान परमाणु के नाभिक के चारों ओर उपस्थित कक्षाओं में पाये जाते है इन गोलाकार कक्षाओं को ऊर्जा स्तर कहते है , जिन ऊर्जा स्तरों का आकार जितना ज्यादा बड़ा होता है उनमे इलेक्ट्रॉन्स की संख्या उतनी ही अधिक होती है।

3. यदि विधुत धारा की बात करे तो इलेक्ट्रॉन की गति के कारण ही विधुत धारा का प्रवाह संभव हो पाता है , चालक में स्वतंत्र इलेक्ट्रॉन्स की संख्या बहुत अधिक होती है यही कारण है की इसमें से विधुत धारा अधिक प्रवाह होती है वही दूसरी तरफ कुचालक में बंधन इलेक्ट्रान होते है जिससे इलेक्ट्रॉन्स की गति नही हो पाती है और कुचालक में विद्युत का प्रवाह नही होता है।

4. इलेक्ट्रॉन को e− द्वारा व्यक्त किया जाता है , यहाँ ऊपर माईनस का चिन्ह यह दिखाता है की इलेक्ट्रान पर ऋणात्मक आवेश होता है।

5. एक इलेक्ट्रान पर लगभग प्रोटोन का 1/1836 भार होता है , किसी भी परमाणु में प्रोटोन और इलेक्ट्रान की संख्या बराबर होती है अर्थात परमाणु की सामान्य अवस्था में जितने प्रोटोन होते है उतने ही इलेक्ट्रॉन होते है।

6. इलेक्ट्रान में कण और तरंगों  दोनों के गुण पाये जाते है , जब कोई इलेक्ट्रान किन्ही अन्य कणों से टकराता है तो यह प्रकाश उत्पन्न कर सकता है।


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