टाटा संस ने 18000 करोड़ की बोली लगाकर एयर इंडिया की कमान संभाल ली है । 68 वर्ष बाद फिर से टाटा की हुई एयर इंडिया । बीते कई वर्षों से एयर इंडिया भारी नुकसान में चल रही थी इसी कारण वर्तमान सरकार ने ये बाद फैसला लिया । केंद्र सरकार ने जानकारी देते हुए कहा की टाटा ने सबसे अधिक बोली लगाई थी इसलिए टाटा को इसके संचालन की जिम्मेदारी दी जाती है, एयर इंडिया के दफ्तर तथा जमीन सरकार के पास ही रहेगी टाटा केवल एयर इंडिया का संचालन करेगा ।
सरकारों ने, वर्षों से, पैसे की कमी वाली एयरलाइन को बेचने की कोशिश की है, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। एयर इंडिया 60,000 करोड़ रुपये से अधिक के कर्ज में डूबी है। कर्ज में डूबे वाहक के पास 127 विमान हैं, जो भारतीय वाहकों के बीच AIXL के साथ क्लब किए जाने पर अंतर्राष्ट्रीय बाजार हिस्सेदारी का 50.64% नियंत्रित करते हैं। एयर इंडिया वर्तमान में 42 अंतरराष्ट्रीय गंतव्यों की सेवा करती है। सरकार एयर इंडिया में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेच रही है। टाटा समूह के पास पहले से ही एयरएशिया इंडिया में करीब 84 फीसदी और विस्तारा में 51 फीसदी हिस्सेदारी है।
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