Namaste Bharat AJ

Namaste Bharat AJ

HOW BIG IS THE UNIVERSE Namaste Bharat AJ

How Big is the universe in hindi

ब्रह्माण्ड कितना विशाल है?

परिचय


माना जाता है कि ब्रह्मांड का जन्म आज से 14 अरब वर्ष पहले बिग बैंग विस्फोट के कारण हुआ था। इस विस्फोट की वजह से ही समय, एनर्जी, तत्त्वों, गैसों, तारो तथा ग्रहों का जन्म हुआ।


  ब्रह्मांड की विशालता (How big is the universe)

 ब्रह्मांड की विशालता को समझनेे के लिए हम हमारे घर यानी पृथ्वी से शुरुआत करेंगे। पृथ्वी का व्यास 12,742 किलोमीटर है। और इसका पूरा चक्कर लगाए तो यह लगभग 40,000 किलोमीटर होगा। अब चलते है चाँद पर, जो हमसे सबसे पास है जिससे पृथ्वी की दूरी है 3,84,400 किलोमीटर।


  पृथ्वी से विशाल (Bigger than the earth)

 पृथ्वी से बड़ा है नेप्च्यून जिसका व्यास 49,248 किलोमीटर है। नेप्च्यून से बड़ा है युरेनस जिसका व्यास 50,724 किलोमीटर है। युरेनस से बड़ा है  सैटर्न यानी शनि जिसका व्यास 116,464 किलोमीटर है। शनि से बड़ा है जुपिटर जिसका व्यास 1,39,822 किलोमीटर है। जुपिटर इतना बड़ा है कि इसमें 1300 पृथ्वियां समा सकती है। अब बारी आती है हमारे सूर्य की, सूर्य का व्यास 13,91,400 किलोमीटर है तथा सूर्य में लगभग 1000 जुपिटर समा सकते है तथा सूर्य में हमारे सौरमंडल का 99.8% से भी अधिक द्रव्यमान है। आप इससे ही अंदाजा लगा सकते है कि हमारा सूर्य कितना बड़ा है।



   सौरमंडल के आगे (Outside the solar system)

अब हम चलते है हमारे सौरमंडल से बाहर।  सौरमंडल से बाहर जाते ही हमारे सूर्य से जो बड़ा तारा है उसका नाम है "Sirius A" जिसका व्यास 2500000 किलोमीटर है।



अब आगे चलने पर अगला बड़ा तारा आता है "pollux" जिसका व्यास 1,28,00000 (एक करोड़ अठाइस लाख) किलोमीटर। अब इसके भी आगे चलने पर हमें मिलता है arcturus जिसका व्यास 3,60,00000 (तीन करोड़ साठ लाख) किलोमीटर है। इनसे भी लाखों करोड़ों गुना बड़े तारो तथा सौरमंडल से मिलकर बनी है हमारी आकाशगंगा जिसका नाम मंदाकिनी है।


मंदाकिनी में लगभग 100 अरब तारे है। "मंदाकिनी का व्यास 100,000 प्रकाश वर्ष है।" एक प्रकाश वर्ष में  9.461×1012 किलोमीटर होते है। अंकीय रूप में 9,460,730,472,580.8 किलोमीटर। अब तो कैलकुलेटर भी हार मान जाएगा। मतलब हमारी आकाशगंगा का सिर्फ व्यास ही 9,460,730,472,580.8 X 100,000 है।

 मंदाकिनी के आगे (Outside the Milkyway)

    अब हम चलते है मंदाकिनी के समीप स्थित एंड्रोमेडा आकाशगंगा पर, जिसका व्यास 220000 प्रकाश वर्ष है।



      
 यह आकाश गंगा हमारी आकाश गंगा के सबसे नज़दीक है। इसमे लगभग 10000000000000 तारे है। अब आप खुद सोचिये इस संख्या को क्या कहेंगे।
इस प्रकार छोटी बड़ी हर प्रकार की आकाशगंगाएं मिलकर एक झुंड बनाती है जिसे क्लस्टर कहते है।
  

जानिए सूपर क्लस्टर के बारे में (Know about super cluster)

अब इसके और आगे चलने पर हमें मिलेगा एक सुपर क्लस्टर जो कई क्लस्टर से मिलकर बनता है। निम्न चित्र में कुछ लोकल सुपर क्लस्टर दिखाए गए है।



         इन सभी सुपर क्लस्टर से मिलकर हमारा ब्रह्मांड बना है। अगर हम थोड़ा और दूर से देखें तो हमारा ब्रह्मांड एक जाल की तरह दिखाई देने लग जाता है।



       वैज्ञानिको के अनुसार ब्रह्मांड दो प्रकार के होते है।
1. दृश्य ब्रह्मांड (Observeable Universe) - दृश्य ब्रह्मांड वो जिसके बारे में हमने पढ़ा। जो हमें दिखाई दे पाता है। वो दृश्य ब्रह्मांड होता है।
2. अदृश्य ब्रह्मांड (Unobserveable Universe) - अदृश्य ब्रह्मांड वो जिसे हम अभी तक देख नहीं पाए है जो हमसे इतनी दूरी पर है कि वहाँ से अभी तक कोई प्रकाश की किरण हम तक नहीं पंहुची।
यही था हमारा ब्रह्मांड।
नमस्ते भारत

    

एक टिप्पणी भेजें

5 टिप्पणियाँ

Close Menu